भारत स्काउट और गाइड के प्रदेशीय निर्वाचन मे की गई धांधली की न्यायिक जांच की मांग-शिक्षक संघ


 

राष्ट्रधर्मध्वज ब्यूरो लखनऊ

मोहन वर्मा

लखनऊ 9दिसम्बर। मुख्यमंत्री का नजदीकी बताकर लोकतन्त्र की हत्या करने वाले डा0 प्रभात कुमार के विरुद्ध उ0प्र0 भारत स्काउट और गाइड के प्रदेशीय निर्वाचन मे की गई धांधली एवं अनियमितताओं की सेवानिवृत्त जज से न्यायिक जांच कराकर प्रभावी कार्यवाही किए जाने की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र एवं प्रदेशीय मंत्री डा0 आर0 के0 त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री से मांग की है। साथ ही में संघर्ष के पहले चरण में ‘‘उत्तर प्रदेश भारत स्काउट गाइड संस्था बचाओ अभियान‘‘ के अन्तर्गत शिक्षक संघ के पदाधिकारी डा0 प्रभात कुमार के काले करनामों को उजागार करने के लिए उ0प्र0 भारत स्काउट और गाइड की की मुख्य संरक्षक राज्यपाल, संरक्षक मुख्यमंत्री, प्रदेश के सांसदगण, प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, विधायक गण एवं अन्य जनप्रतिनिधों से मिलकर स्काउट गाइड संस्था बचाओ का विशेष अभियान चलाएगे। उनसे स्काउट गाइड संस्था बचानें में सहयोग की अपील करेगे।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र एवं प्रदेशीय मंत्री डा आर0के0 त्रिवेदी ने आज प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि स्काउट गाइड संस्था में कब्जा बनाए रखने के लिए पहले डा0 प्रभात कुमार द्वारा मनमाने तरीके से नियमावली में संशोधन करवाये गए और ऐसी व्यवस्था की गई कि जिस से डा0 प्रभात कुमार आजीवन मुख्यायुक्त बने रहे। मुख्यायुक्त के नामांकन के लिए राष्ट्रीय मुख्यालय की नियमावली में दी गई अर्हता सम्बन्धी अवधि को 05 वर्ष से घटाकर चार वर्ष कर लिया क्योकि डा0 प्रभात कुमार निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होने तक 05 वर्ष की निर्धारित अर्हता पूरी नही करते थे। जब शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा0 महेन्द्र देव ने अर्हता पूरी होने के कारण मुख्यायुक्त का चुनाव लड़ने की घोषणा की तो डा0 प्रभात कुमार ने डा0 महेन्द्र देव के नामाकंन खारिज कराये जाने के लिए षडयन्त्र शुरू कर दिया। पहले डा0 प्रभात कुमार ने अपने आईएएस का रौब दिखाकर अनेक जनपदों के जिलाधिकारियों के माध्यम से उन्ही जनपदों के मतदाताओं से अपने पक्ष में नामांकन भरा लिए जिनके द्वारा पहले ही डा0 महेन्द्र देव के पक्ष मे नामाकंन भरे जा चुके थे।

इतना ही नहीं डा0 प्रभात कुमार द्वारा सुनियोजित षंडयन्त्र के तहत जिन जनपदों के मतदाताओ द्वारा किसी भी दबाव में डा0 प्रभात कुमार के पक्ष में नामांकन नही भरे गए थे। निर्वाचन अधिकारी एवं अनधिकृत व्यक्तियों के साथ बन्द कमरे में स्कुटनी करने के बहाने फर्जी निर्वाचन फार्म भरकर डा0 प्रभात कुमार के नामाकंन में लगा दिये गए जिससे डा0 महेन्द्र देव का नामांकन खारिज हो जाए।

डा0 प्रभात कुमार ने निर्वाचन अपने पक्ष मे कराने के लिए पहले षंडयन्त्र पूर्व 75 जनपदों में से 34 जनपदों को इलेक्टोरेल सूची से अलग कर मतदान के अधिकार से वंचित करा दिया। जिनके पदाधिकारी उनकी नीतियों का विरोध करते है इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के विद्यालय महाराणा प्रताप इण्टर कालेज, गोरखपुर के प्रधानाचार्य अरूण कुमार सिंह, जो वर्तमान मुख्यायुक्त डा0 प्रभात कुमार की नीतियों के विरोधी थे, को मताधिकार से वंचित कर दिया गया।

शिक्षक नेताओं ने बताया कि दिनांक 07 दिसम्बर, 2023 को निर्वाचन अधिकारी द्वारा बन्द कमरे में दिनभर स्कूटनी कि गई और स्कूटनी के नाम पर नामाकंन पत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई। सायः लगभग 07 बजे ए0सी0एम0 पंचम तथा महानगर क्षेत्र की ए0सी0पी0 नेहा त्रिपाठी की उपस्थिति मे डा0 महेन्द्र देव के नामाकंन पत्रों की जांच की गई जिसमें वाराणसी सहित कई जनपदों से प्रस्तावित नामाकंन वैध पाये गये थे। जाॅच के समय वाराणसी से प्रस्तावक डा0 हरेन्द्र राय तथा डा0 महेन्द्र देव के प्रतिनिधि  महेन्द्र सिंह उपस्थित थे। निर्वाचन अधिकारी ने जाॅच करने के पश्चात नामाकंन वैध पाये जाने की लिखित सूचना सायं 07ः16 मिनट पर महेन्द्र देव के प्रतिनिधि महेन्द्र सिंह को उपलब्ध कराई थी। जिसकी सीसी टीवी फुटेज भी उपलब्ध है।

प्रेस वार्ता में उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र, महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, प्रदेशीय मंत्री डा0 आर0के0 त्रिवेदी, जिलामंत्री महेश चन्द्र, कोषाध्यक्ष विश्वजीत सिंह, आय -व्यय निरीक्षक आलोक पाठक, राज्य परिषद सदस्य डा0 पी0के0पन्त, उपाध्यक्ष आर0पी0 सिंह, संघर्ष समिति संयोजक इनायत उल्लाह खां, संयुक्त मंत्री सुमित आजाॅय दास आदि उपस्थित थे।

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