श्रीराम मंदिर अयोध्या के उद्घाटन के गवाह बनेंगे नेपाली नागरिक

22 जनवरी को होगा श्रीराम मंदिर का उद्घघाटन


राष्ट्र धर्म ध्वज, लुम्बिनी/नेपाल

( प्रधान सम्पादक ठाकुर सोनी )

श्रीधाम अयोध्या में श्रीराम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने  जा रहा है। श्रद्धालुओं की आस्था के इस बड़े केंद्र का नेपाल से भी नाता है। 

    मान्यताओं के अनुसार श्रीराम का विवाह जनकपुर में हुआ था जो नेपाल में स्थित है। दोनों देशों के संबंधों के मद्देनजर अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन को लेकर नेपाल के लोग भी उत्साहित हैं। उद्घाटन में नेपाली नागरिक भी शामिल होंगे।

  लुंबिनी प्रदेश के गृह मंत्री संतोष पांडेय ने बताया कि भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण और उद्घाटन को लेकर नेपाली नागरिक भी उत्साहित हैं। मंदिर के उद्घाटन से दोनों देशों के नागरिकों को मजबूत और सकारात्मक संदेश मिलेगा। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने में राम मंदिर काफी महत्वपूर्ण महत्व रखता है। उन्होंने बताया कि नेपाली नागरिक चारों धाम के साथ गया एवं बनारस के साथ अब अयोध्या में श्रीराम मंदिर का दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में हर साल नेपाल से लाखों लोग अयोध्या आएंगे। अयोध्या और  नेपाल से बहुत मजबूती से जुड़ा हुआ है, क्योंकि नेपाल का हर नागरिक जानता है कि नेपाल की बेटी माता सीता का विवाह भगवान श्रीराम से हुआ था। इसलिए, हर साल उनकी अयोध्या से बारात आती है। हर साल नेपाल में एक बड़ा उत्सव मनाया जाता है। हमारे पास जनकपुर में भी विवाह मंडप है। सैकड़ों हजारों लोग दर्शन करने आते हैं। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन नेपाल के लिए बेहद सुखद है।

लुंबिनी में दर्शन हेतु पहुँचते हैं प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु

    भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल लुम्बिनी मंदिर दौरे के बाद वहां भारतीय एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। फलस्वरुप वहां के दान पात्रों में भारी रकम इकट्ठा होनी शुरू हो गई है। इसके बाद लुंबिनी मंदिर प्रशासन ने मंदिर परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। मंदिर दर्शन के लिए टिकट के साथ ही प्रवेश के लिए कड़ी जांच के बाद ही अंदर प्रवेश की अनुमति है। लुंबिनी में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। भारत के महानगर बेंगलुरु, कर्नाटक, दिल्ली,मुम्बई, अहमदाबाद, सूरत,जयपुर, उदयपुर व भारत के अन्य राज्यों सहित भारत नेपाल सीमा से सटे जनपद महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर,गोण्डा के स्कूली छात्र बड़ी संख्या में पर्यटन और दर्शन के उद्देश्य से लुंबिनी पहुंच रहे हैं। इसके कारण मंदिर के दान पेटिका में भी अच्छी खासी भारतीय मुद्रा दान की जाती है। मंदिर प्रशासन के लोगों का कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद यहां भारतीय ज्यादा आने लगे हैं।

रामायण सर्किट के माध्यम से नेपाल के टुरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

      नेपाल में प्रस्तावित रामायण सर्किट से टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और नेपाल जाने वाले भारतीय टूरिस्टों की संख्या में इजाफा हो रहा है। प्रस्तावित रामायण सर्किट से नेपाल आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी। कार्यक्रम में लुंबिनी पहुंचे राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने बताया कि भारत से आने वाले टूरिस्टों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। रामायण सर्किट नेपाल के पर्यटन को और ज्यादा बढ़ाएगा।

रामायण सर्किट में भारत और नेपाल के तीर्थस्थल शामिल

       वर्ष 2022 में नेपाल के जनकपुर के लिए एक रामायण ट्रेन भी चलाई गई थी, जिससे नेपाल जाने वाले भारतीय पर्यटकों को किसी भी तरह की परेशानी न हो और सुविधा के साथ भारतीय टूरिस्ट जनकपुर की सैर कर सकें। जनकपुर माता सीता का जन्म स्थान है। इसके प्रति भारतीय श्रद्धालुओं में काफी आस्था है। इसके साथ ही जनकपुर-कुर्था-बिजुलपुरा के बीच संचालित रेलवे ने नेपाल जाने वाले टूरिस्टों की संख्या में बढ़ोतरी की है। रामायण सर्किट में भारत और नेपाल के प्रमुख तीर्थ स्थल शामिल हैं।

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